Saturday, December 05, 2009

दिल में बसा लिया


एक नयी जिंदगी की चाह जगी,
तो  तुम्हें  साँसों में बसा लिया,
हर  वक़्त नहीं पाया रूबरू तुम्हें,
तो आंखों में बसा लिया,
डर लगा कही आँख खुली तो तुम्हें खो दूंगा,
तो ख्वाबों में बसा लिया,
पर जब लगा तू किसी और की अमानत है,
बस तेरी यादों को इस दिल में बसा लिया 

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